》दुनियां 360° Desk: आसमान से जमीन पर दुश्मन के ठिकाने तहस-नहस करने के लिए दुनियाभर की वायुसेना कर्इ तरह के फाइटर जेट्स इस्तेमाल करती हैं। प्रथम विश्व युद्घ के बाद जब जमीन से जमीन पर मार करने की जरूरत पूरी हुर्इं तो ब्रिटेन-जर्मनी जैसे देशों ने हवार्इ हमले से शत्रुसीमा में पैठ बनानी शुरू कर दी। लिहाजा द्वितीय विश्व युद्घ के दौरान विध्वंसक जहाजों से भारी तबाही मची। जापान के मजबूत नौसैनिक बेडे़ के जवाब में अमेरिका ने तो बमवर्षक विमान बनाने की बाढ़ सी लगा दी, इसी क्रम में शक्ति संतुलन बनाए रखने की कोशिश सोवियत संघ (रूस) ने की। आज विश्व में एक से बढ़कर एक फाइटर जेट हैं, जो पलभर में हजारों किलोमीटर दूर दुश्मन पर बमबारी कर सकते हैं, मिसाइलें दाग सकते हैं।
साल 2015 से 2020 तक महाशक्तियों के बेडे़ में फिफ्त जेनरेशन के फाइटर जेट्स का दौर बताया जा रहा है। चीन और पाक की बॉन्डिंग को देखते हुए भारत ने भी पांचवी पीढी़ के विमान विकसित करने के लिए रूस से समझौता किया है। ऐसे में मॉडर्न तकनीक से लैस वर्ल्ड के 10 सबसे खतरनाक जेट्स को आज़ Vijayrampatrika.com पर जानें….
1. F-35 Lightning II (F-35 Joint Strike Fighter)
सबसे खतरनाक और राडार की पकड में न आने वाला यह लड़ाकू विमान लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है। इस विमान का न केवल डिजायन दुनिया के बाकी फाइटर्स से अलग है, बल्कि बैटल फील्ड में करतब दिखाने की कलाएं भी हटकर हैं। यह 1,930 किमी प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भरता है जबकि रेंज 2,220 किमी तक है। 16 मीटर लंबे इस जेट् के विंगस्पिन 11 मीटर के हैं। कर्इ देशों में यूएस नेवी के ऑपरेशन के दौरान इसके जौहर दिख चुके हैं।
अमेरिका सेना का दावा है कि इसे एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल से नहीं मार गिराया जा सकता और न ही एयर वॉर्निंग कंट्रोल सिस्टम से इसकी सटीक लोकेशन का पता लगाया जा सकता है। हालांकि यह सिंगल इंजन वाला है और अभी यूएस एयरफोर्स में ही तैनात हैं।
दिए गए फोटोज़ छुएं और अंदर स्लाइड्स में पढें ऐसे ही अन्य लड़ाकू विमानों के बारे में, ये भी जानें कि भारत के पास कौन-कौन से हैं………
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2. एफ-22 रैप्टर/(F 22 Raptor In Action): अमेरिका का यह विमान भी लॉकहीन मार्टिन निर्मित है। मल्टीरोल वाले इस फाइटर जेट में आसमान से जमीन तक बेहतरीन मारक क्षमता है। इसकी सिग्लन इंटेलीजेंस इसे खास बनाती है। इसकी स्पीड एफ-35 लाइटनिंग 2 के मुकाबले अधिक है, यह 2,410 km/h की रफ्तार से उड़ सकता है जबकि रेंज 2,960 किमी है। इसके विंगस्पिन 14 मीटर के हैं और वजन 19,700 किग्रा है। सिंगल सीट और दो इंजन वाला यह सुपरसोनिक लड़ाकू विमान पांचवी पीढी़ का है। आगे की स्लाइड्स पर क्लिक कीजिए…
3. यूरोफाइटर टाइफून: दुनिया के सबसे आधुनिक और खतरनाक लड़ाकू विमानों की फेहरिस्त में इसका नंबर तीसरा है। फिलहाल चार देशों ब्रिटेन, जर्मनी, स्पेन और इटली का लड़ाकू बेडा़ इसी की अगुवार्इ में रूस-चीन जैसे देशों को आंख दिखा देता है। इसकी स्पीड 2,495 km/h है जबकि रेंज 3,790 किमी। इसकी लंबार्इ 16 मीटर है और विंगस्पिन 11 मीटर के हैं। अपने 11,000 किग्रा वजन के अलावा लेजर गाइडेड बम और क्रूज मिसाइलों से लैस यह फाइटर प्लेन हवा से जमीन और जमीन से हवा में स्विंग करने की तकनीकी में कतर्इं पीछे नहीं है।
4. सुखार्इ सु-35/(Sukhoi Su-35): मॉडर्न मल्टीरोल फाइटर्स की फेहरिस्त में यह रशियन जेट एक है। यह सुखार्इ -27 का अपग्रेडेड वर्जन है। इसकी टॉप स्पीड 2,500 km/h जबकि रेंज 3,600 km है। सुखोर्इ रूसी कंपनी है, जिसके लड़ाकू विमान रूस, चीन, भारत, इंडोनेशिया सहित कर्इ देशों में सर्विस दे रहे हैं। नॉर्मली सुखोर्इ-35 क्रूज की स्पीड 1,400 किमी / घंटा है और 2013 के आधार पर यूनिट की लागत 40,000,000-65,000,000 अमेरिकी डालर के करीब है। हमारे लिए खास बात यह है कि इसके फीचर और कंपोनेंट्स इंडियन एयरफोर्स के बेडे़ में तैनात सबसे धांसू विमान सुखोई सू-30 से काफी मिलते-जुलते हैं।
5. मैकडॉलनाल्ड्स डगलस एफ-18 हॉर्नेट/(McDonnell Douglas F/A-18 Hornet): अमेरिका निर्मित ये फाइटर जेट कहर ढाने वाले टॉप-10 विमानों में पांचवें नंबर पर हैं। मैकडॉन्नेल डॉगलास f-18 की तरह ही एफ/ए-18 ई या एफ सुपर हॉर्नेट युद्घक क्षमता में एक जैसे हैं। इसकी टॉप स्पीड 1,915 km/h जबकि लेंग्थ 17 मीटर है।
6. एफ-15 ईगल/(F-15 Eagle): अब तक दर्जनों लड़ार्इयों में शत्रु के हजारों ठिकाने तहस-नहस कर चुके इन जेट्स की पहली उड़ान 27 जुलार्इ 1972 में हुर्इ थी। एफ-18 की तरह इसे भी मैकडॉनाल्ड्स डगलस ने डिजाइन किया है। अमेरिका के अलावा यह विमान जापान, इजरायल और सउदी अरब में सेवा देता आया है। यह पांचवी पीढी़ का द्वि-इंजनिय एयर सुपरियोरिटी फाइटर है। इसकी लेंग्थ 19 मीटर और विंगस्पिन 13 मीटर के हैं।
7. दसॉल्ट राफेल/(Dassault Rafale): फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन द्वारा विकसित यह विमान यूरोफाइटर से कम नहीं है। इसकी टॉप स्पीड 2,130 km/h जबकि रेंज 3,700 km तक है। इसमें स्नेसमा एम-88 टाइप के दो इंजन हैं और करनार्ड डेल्टा विंग वाला यह मल्टीरोल है। इसके विंगस्पिन 11 मीटर के हैं और फ्लाइट ऑटोमोमी 3 घंटे तक है। भारत ने ऐसे 36 विमानों का सौदा किया है, जिनमें एक विमान की कीमत 12,700,000 डॉलर के आसपास है। हवा से जमीन पर और समुद्र में न्यूक्लियर अटैक करने में इसे महारत हासिल है।
8. मिग-35/ (Mikoyan MiG-35): रूस निर्मित यह मिग का नया जेनरेशन है। इसमें MiG-29M/M2 और MiG-29K/KUB की तकनीक इस्तेमाल की गर्इ। फिलहाल इसे विकसित किया जा रहा है। रशियन कंपनी का दावा है कि यह अमेरिका के एफ-35 लडाकू विमान को मुंहतोड जवाब दे सकता है।
9. एफ-16 फाइटिंग फाल्कन/(F-16 Fighting Falcon): लॉकहीड़ मार्टिन, जनरल डायनामिक्स द्वारा डिजायन किया गया यह मल्टीरोल फाइटर है। इसमें सिंगल इंजन है लेकिन साल 1976 के अपने शुरूआती दौर से ही अमेरिकी वायुसेना में कहर बरपाने के लिए जाना गया है। पाकिस्तान, सउदी अरब, ईराक और नाटो गुट सहित करीब 25 देश इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। किसी भी मौसम में इसकी मल्टीरोल खूबी कर्इ युद्घों में देखी जा चुकी हैं। इसकी पहली उड़ान 20 जनवरी 1974 को हुर्इ थी अब करीब 5 हजार जेट्स इस श्रेणी के मौजूद हैं।
10. चेंगदू जे-10/(Chengdu J-10 fighter): चीन के चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन द्वारा निर्मित यह विमान पीपल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स की रीढ़ है। ऐसे सैकडों मल्टीरोल फाइटर चीन ने अपने लिए बनाए थे, जो किसी भी मौसम में यूज किए जा सकते हैं। इसकी टॉप स्पीड 2,327 km/h है जबकि रेंज 1850 किमी। विंगस्पिन देखें तो 9.75 मीटर के हैं जबकि इसकी टोटल लेंग्थ 15 मीटर है। अब इसी जेनरेशन में चीन का नया चेंगदू जे-10A कैनार्ड फाइटर भी मौजूद है। हैरत की बात यह है कि चीन के अलावा केवल पाकिस्तान ही ऐसा मुल्क है जिसके पास इस विमान को इस्तेमाल करने का करार है। कहने का मतलब है कि चीन इस विमान की टेक्नॉलोजी किसी और देश तक लीक नहीं होने देना चाहता। पाक तो उसका अपना है ही।
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