‘जंगल-जंगल बात चली है पता चला है, चड्डी पहन के फूल खिला है…’ टाइटल सॉन्ग का सीरियल ‘द जंगल बुक’ का प्रमुख किरदार मोगली मध्य-प्रदेश के एक जंगल में रहता था। मोगली, एक ऐसा बालक जो किसी इंसान ने नहीं बल्कि खूंखार जानवरों ने पाला-पोषा और बड़ा किया।
Vijayrampatrika.com यहां आपको मध्यप्रदेश राज्य के स्थापना दिवस के अवसर (1NOV) पर इस कडी़ में आज आपको बताएगा ‘मोगली’ की कहानी और उस जंगल के बारे में…
इंदौर. अब से करीब दो दशक पहले हर रविवार को दूरदर्शन पर धूम मचाने वाला ‘जंगल-जंगल बात चली है पता चला है, चड्डी पहन के फूल खिला है…’ टाइटल सॉन्ग का सीरियल ‘द जंगल बुक’ का प्रमुख किरदार मोगली पूरे देश में हर उम्र के लोगों की पहली पसंद बन गया था।
उस समय सीरियल के इस गीत पर राजनीति भी खूब गरमाई थी। यहां तक की कांग्रेस ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी। हिंदुस्तान में ब्रिटिश हुकूमत के दौरान इस समय के मध्यप्रदेश सिवनी जिले के जंगलों में एक बालक जो जंगली भेड़ियों के बीच पला था, के अस्तित्व में होने की बात आज भी कही जाती है। कई लोग इसे मात्र एक किवदंती मानते है, तो कई इसे सही घटना मानते है। माना जाता है कि एक बालक जो जंगलों की वादियों में पला बढ़ा था, भेडियों की सोहबत में रहने के कारण उसकी आदतें भेडियों की तरह हो गई थीं।
कहां था मोगली का घर
Mowgli and ‘Jungle Book’ story via Madhya Pradesh
वन्यजीवन विशेषज्ञ कहते हैं कि मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के जंगल (पेंच टाइगर रिजर्व) में मोगली का घर था। इसके तथ्यात्मक प्रमाण के रूप में सर विलियम हेनरी स्लीमन के ‘एन एकाउंट ऑफ वाल्वस नरचरिंग चिल्ड्रन इन देयर डेन्स’ शीर्षक के एक दस्तावेज का उल्लेख किया जाता है।
इस दस्तावेज में लिखा था कि सिवनी के संतबावडी गांव में सन 1831 में एक बालक पकड़ा गया था जो इसी क्षेत्र के जंगली भेड़ियों के साथ गुफाओं में रहता था। इसके अलावा जंगल बुक के लेखक रुडयार्ड किपलिंग ने जिन भौगोलिक स्थितियों बैनगंगा नदी, उसके कछारों तथा पहाड़ियों की चर्चा की थी वे सभी वास्तव में इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थितियों से पूरी तरह मेल खाती हैं।
दिए गए फोटोज़ छुएं और अंदर स्लाइड्स में पढें मोगली एवं पेंच टाइगर रिजर्व से जुडी़ रोचक बातें…...
757 वर्ग किमी में फैला है रिजर्व: पेंच टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल 757 वर्ग किमी हैं। पेंच राष्ट्रीय उद्यान और सेंचुरी का कोर एरिया 411 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। आगे की स्लाइड्स में पढ़ें मोगली से कैसे हुई थी लेखक किपलिंग की मुलाकात साथ ही पढ़ें भारत से पहले जापान में फेमस हो गया फेमस था मोगली, गुलज़ार ने लिखा था इसका फेमस गाना…..
2. मोगली से कैसे हुई थी किपलिंग की ‘मुलाकात’: किपलिंग ने मोगली के जीवन को कागज पर उतारा था। कहा जाता है कि किपलिंग को एक बार भारत की सुरम्य वादियों के बीच देश के जंगलों की अनमोल वादियों में सैर का मौका मिला। इसी दौरान उसे मोगली के बारे में पता चला। यहीं से किपलिंग को जंगली खूंखार जानवरों के बीच रहने वाले उस बालक के बारे में लिखने की प्रेरणा मिली। किपलिंग ने मित्रों और बुजुर्गों के तौर पर चमेली, भालू, सांप, अकडू-पकडू, खूंखार शेरखान आदि को भी बखूबी स्थान दिया गया है। आगे की स्लाइड में पढें भारत से पहले जापान में फेमस हो गया मोगली…
3. भारत से पहले जापान में फेमस हो गया फेमस था मोगली: मोगली भारत से पहले जापान में फेसस था। जब ‘द जंगल बुक शिओन मोगली’ नाम से बनाए गए इस एनिमेटेड टीवी सीरियल को जब प्रसारित किया गया तो जापान का हर आदमी मोगली का दीवाना बन गया था। इसके बाद इस सीरियल को भारत में डब करवाया गया और ‘द जंगल बुक’ के नाम से दूरदर्शन पर टेलिकास्ट हुआ।
4. गुलज़ार ने लिखा इसका फेमस गाना: सीरियल का टाइटल सांग ‘जंगल जंगल बात चली है, चड्डी पहन कर फूल खिला है…‘ को लिखा था मशहूर गीतकार गुलज़ार ने और इसे संगीत दिया था विशाल भारद्वाज ने।
1894 में किताब और मोगली उत्सव: जंगल बुक का पुस्तक के रूप में प्रथम प्रकाशन वर्ष 1894 हुआ था। मध्यप्रदेश सरकार इसी जंगल में हर साल बच्चों में पर्यावरण और प्रदेश में उपलब्ध जैव विविधता के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए तीन दिवसीय मोगली उत्सव का आयोजन करती है। उत्सव के दौरान इन बच्चों को जंगल एवं पहाड़ों की साहसिक सैर सफारी का आनंद और वन ग्रामों के जीवन से परिचित कराया जाता है। जंगल बुक को लेकर दुनिया भर में ढेर सारी कॉमिक्स, वीडियो/कम्प्यूटर गेम, कार्टून फिल्में, एनिमेशन फिल्में और फीचर फिल्में बनाई गई हैं। फोटो में आप देख रहे हैं ‘द जंगल बुक’ के सीन में सांपों के बीच मोगली।
6. इस पर बने फिल्म ने तोड़े थे कई रिकॉर्ड: वॉल्ट डिज्नी स्टूडियो ने 1967 में इस पर आधारित एक एनिमेशन फिल्म बनाई थी और उसने सफलता के तमाम रेकॉर्ड तोड़ दिए थे। इसके बाद वॉल्ट डिज्नी स्टूडियो ने 1990 में जंगल बुक के पात्रों को लेकर टेलस्पिन नामक एनिमेशन श्रृंखला शुरु की। आगे की स्लाइड्स में देखें जंगल की तस्वीरें…..
7. पेंच टाइगर रिजर्व में टाइगर्स मस्ती करते हुए। टाइगर्स की तरह यूं ही मस्ती करते हुए अन्य जानवर भी यहां देखे जा सकते हैं।
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