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यहां नहीं मनाया जाता करवा चौथ, जिसने मनाया उसके पति की हुई मौत

क्यों? यहां करवा चौथ व्रत रखने पर सुहागन हो जाती है विधवा !》जीवन दर्शन Desk: पति की लंबी उम्र के लिए पूरे देश में महिलाएं करवाचौथ का पर्व मनाती हैं, लेकिन हरियाणा के करनाल जिले के तीन गांव ऐसे भी हैं जहां करवाचौथ नहीं मनाया जाता। यहां मान्यता है कि यदि महिलाओं ने यह त्योहार मनाया तो उनके पति की उम्र लंबी की बजाय मृत्यु हो जाएगी।

8 अक्टूबर को करवाचौथ है, ऐसे में Vijayrampatrika.com आपको दे रहा है ये खबर।

करनाल। यहां के तीन गांवों में एकाध बार किसी महिला ने यदि करवा चौथ व्रत रखा भी, तो उसके पति की किसी वजह से मौत हो गई। इसी वजह से सदियों से चली आ रही इस परंपरा को गोंदर, कतलाहेड़ी व औंगद गांव की राजपूत बिरादरी के लोग आज भी निभा रहे हैं। बजाय व्रत रखने के यहाँ की महिलायें करवा चौथ के दिन एक खास मंदिर में जाकर सिर्फ पूजा करके पति की लम्बी उम्र की कामना करती हैं।

मौत के बाद मनाना बंद कर दिया था करवाचौथ
Chauhan clan women shun Karwa Chauth
करीब छह सौ साल पहले करवाचौथ के ही दिन गोंदर गांव में हुई एक घटना ने तीन गांवों में इस त्योहार को मनाना ही बंद कर दिया था। गांवों के बुजुर्गों की मानें तो छह सौ साल पहले राहड़ा की लड़की अमृत कंवर की शादी गोदर में हुई थी। करवाचौथ के दिन उसके पति की मौत हो गई। अमृत कंवर ने करवाचौथ का व्रत रखा हुआ था। पति की मौत के बाद अमृत कंवर गांव की महिलाओं को करवाचौथ का व्रत नहीं रखने की बात कहकर सती हो गई थी।
काफी सालों बाद गोंदर गांव के ही बुजुर्ग ने औंगद गांव बसाया। इसके बाद कतलाहेड़ी गांव बसाया गया। सदियां बीती, एक गांव के तीन गांव बन गए, लेकिन परंपरा आज भी बरकरार है। चौहान गौत्र की बहुओं ने कई शताब्दियों से यह पर्व नहीं मनाया है।

दिए गए फोटोज़ छुएं और अंदर स्लाइड्स में पढें इस दिन क्यों होती है यहां सती की पूजा…..

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