》WORLD TOURISM Desk: राजाओं की लडा़र्इ में आपने तोपचियों के तो तोप चलाने के बारे में सुना होगा। लेकिन आपको पता है कि राजस्थान में एक ऐसा किला भी है जहां से कुत्ता दागता था दुश्मन पर गोले? ये कहावत नहीं बल्कि हकीकत है।
Bala Quila – Alwar in Hindi
अलवर के बाला किले के पास पहाडी़ पर बने तोप-खाने में ऐसा होता था। किले से करीब दो सौ मीटर पहले सड़क के किनारे खंडहरनुमा इमारत दिखाई देती है। यह तोप का कारखाना है। इसमें राजाओं के शासनकाल के दौरान तोप का निर्माण किया जाता था। यहां की बनी हुई तोपों का परीक्षण यहीं होता था। खास बात यह है कि इन परीक्षण में तोपों के फटने और उनके साइड इफेक्ट के बड़े नुकसान थे। ऐसे में एक कुत्ते को ट्रेंड किया गया, जिसका नाम था विक्टर। यह कुत्ता तोप चलाने के बाद वहां बने पानी के कुंड में तेजी से छलांग लगा देता था।
तोप फटने से हो गर्इ मौत
एक बार यहां एशिया महाद्वीप की दूसरी सबसे बड़ी तोप बनाई गई। इसका परीक्षण भी विक्टर को ही करना था। इससे पहले कि विक्टर तोप चलाने पर कुंड में कूदता, तोप फट गई। इस विस्फोट से विक्टर की मौत हो गई। विक्टर की याद में तोपखाना परिसर में उसकी समाधि बनाई गई। इसके साथ ही विक्टर का नाम इतिहास में दर्ज हो गया।
दिए गए फोटोज़ छुएं और अंदर स्लाइड्स में पढें बाला किले में क्यों बनाए 446 छेद, क्यों कहा जाता है इसे कुंवारा किला…
यह भी पढें: जब मारी भीम ने लात तो बन गया तालाब, आज है वहां मशहूर किला
– इस किले में मुगल करते थे औरतों का दुष्कर्म, लाज बचाने को हजारों ने जान गंवार्इ
– ये हैं इंडिया के टॉप-10 मोस्ट ब्यूटिफुल FORTS, पूरी कहानी में जानिए अभी
1. जानकारों के मुताबिक अलवर के इस किले पर फतेह की सभी कोशिशें नाकाम रही हैं। इस किले को कोई भी शासक जीत नहीं सका। ऐसे में इसे कुंवारा (बाला) किला कहा गया। यह किला लगभग 600 साल के इतिहास को समेटे हुए है। अगली स्लाइड में जानिए इस किले का निर्माण किसने कराया…
2. बाला किले का निर्माण सबसे पहले निकुम्भ नरेशों द्वारा कराया गया था। साल 1542 में खानजादा अलावल खां ने इसे निकुम्भों से छीना था और इसे वर्तमान रूप दिया। उनके पुत्र हसन खां मेवाती ने 1550 में इस किले का जीर्णोद्धार कराया। अगली स्लाइड में पढि़ए मुगल तानाशाह बाबर का भी हुआ था यहां हमला…
3. ऐसे बदले किले के शासक: शुरुआत में यह किला हसन खां मेवाती के परिवार के पास रहा, लेकिन खानवा के युद्ध में हार मिलने पर बाबर ने इस किले पर कब्जा कर लिया। बाबर ने इस किले को अपने पुत्र हुमायूं को सुपुर्द कर दिया। मुगलों के बाद यह किला मराठों के पास चला गया। अगली स्लाइड में जानिए इस किले को फिर किसने कब्जाया…
4. अफगानी मुगल शाह अब्दाली ने मराठों पर हमला कर उनका पतन कर दिया। इसके बाद इस किले का शासन जाटों के हाथ में आ गया। अंत में साल 1775 में इस किले पर जयपुर के राजा प्रताप सिंह (कच्छवाहा राजपूत) ने कब्जा कर लिया। अगली स्लाइड्स में देखिए किले की और फोटोज…
5. आप देख रहे हैं बाला किला, जहां कुत्ता चलाता था तोप। इसे अलवर का कुंवारा किला भी कहते हैं। पिछली स्लाइड्स में जान ही चुके हैं कि इस किले को क्यों कहा जाता है कुंवारा किला।
Give us your feedback on these articles. Share your acquaintances persons and text by mail and Provide Us your suggestions for improvements In The Site.
Like this:
Like Loading...