शरीर लक्कड हो रहा है? करें इन चीजों का सेवन, सूखा होगी दूर, न होंगे डिब्बा खाने को मजबूर!

brajbhoomi_dava000000आमतौर पर कहा जाता है कि वनस्पतियों में जितना दम होता है उतना अंग्रेजी दवाओं में कहां? कहना सही भी है, यदि हम भारतीय इस प्राकृतिक उपहार की ताकत को पहचान लें तो हर रोग को मिटाने का विकल्प आसानी से खोजा जा सकता है। लेकिन तब, जब यकीन हो। जानकारियां लेने और देने मात्र से नहीं। जो खेतों-मैदानों और खाइयों से उठे पौधे हों, जंगलों में मिले तत्व हों, बडे़ फायदे तो यूज करने पर ही मुमकिन हैं। जैसा कि हमारा विषय था आदमी की कमजोरियां हिंदू धर्म में दो तरह से परिभाषित होती हैं, एक तो पिछले जन्मों का किया भुगतना, दूसरा खुद की कमियां या खानपान की मजबूरी। अक्सर लोग मान्यताओं को नहीं मानते, लेकिन प्वांइंट पकडें तो हर किसी का शरीर एक जैसा नहीं होता। इनके लिए वानस्पतिक दवाएं अलग-अलग तरह से प्रभावी मानी जाती हैं। गौर करें तो यहां दिए लिसोडे, गेंहु का मामा, गूलल तीन ऐसे खाद्य उपहार हैं, जो बॉडी़ की समस्याओं में रामबाण का कार्य करते हैं। स्लाइड बताएंगी कि क्या हैं इनकी खासियत, कैसे लेें अपनी समस्या खत्म करने को प्रयोग में और कहां मिलती हैं ये तीनों आम औषधियां। पिक्स करें क्लिक, जानें ब्यौरा …

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